रैपिड रेल फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
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सार
- 88 लाख रुपये होंगे खर्च, टेंडर हुआ अवार्ड
- 82 किमी के कॉरिडोर में हुए कार्यों के मानकों की जांच करेगी कंपनी
- फ्रांस की सर्टिफर कंपनी देगी रैपिड रेल में सुरक्षित सफर होने का भरोसा
- सुरक्षा जांच के बाद ही शुरू होगा संचालन
विस्तार
82 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। देश के पहले रैपिड रेल कॉरिडोर का दावा करने वाली राष्ट्रीय राजधानी परिवहन क्षेत्र निगम किसी भी तरह की लापरवाही बरतना नहीं चाहता है। उसने सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा जांच कराने के लिए भी बजट बनाया है, जिससे यात्रियों को रैपिड रेल में बैठने से पहले सुरक्षा का प्रमाण-पत्र भी दिखाया जाए। इन सुरक्षा जांच में डिजाइन, सिविल, संचालन सहित अन्य कार्य शामिल हैं।
जरूरी होता है मूल्यांकन
दरअसल बड़ी परियोजना में सुरक्षा जांच कराना जरूरी होता है। इसे स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन (इंडीपेंडेंट सेफ्टी एसेसमेंट) कहा जाता है। इससे परियोजना बनाने वाली कंपनी को भी सुरक्षा जांच के समय अपनी कमियों का पता चल जाता है। इन कमियों को संचालन से पहले सुधार करने में आसानी होती है।
बड़ी परियोजनाओं में शामिल रही कंपनी
सर्टिफर कंपनी ने विश्व के अन्य देशों में रेलवे की बड़ी परियोजनाओं की सुरक्षा जांच की है। इसके बाद ही उनका संचालन शुरू हो सका है। इनमें इटली, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, ब्राजील जैसे देश शामिल हैं। इन देशों में चली रेल परियोजनाओं में इसी कंपनी ने सुरक्षा जांच की थी। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने इस कार्य को करने के लिए टेंडर निकाला था, जिसमें तीन कंपनियों ने टेंडर डाला था। अंतिम चरण तक सर्टिफर कंपनी ही तकनीकी जांच में फिट हो सकी।
प्रमुख परियोजनाओं की सुरक्षा जांच
परियोजना साल
1. सिडनी लाइट रेल – 2015-19
2. रियो डी जेनेरो लाइट मेट्रो, ब्राजील – 2019