कभी भी ज्वालामुखी आग में समा सकते हैं इस आइलैंड के लोग, यहां से दिखती है आकाशगंगा!


इस आइलैंड पर इंसान कब से रह रहे हैं, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. (Photo: Imgur)
जापान का आओगाशिमा आइलैंड (Aogashima Island) सक्रिय ज्वालामुखी के कारण पहली बार चर्चा में आया था. यहां पर जान हथेली पर रखकर 170 लोग आज भी रहते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 2, 2021, 12:49 PM IST
बता दें कि जापान की राजधानी टोक्यो (Tokyo, Japan) से इस आइलैंड की दूरी 358 किलोमीटर के करीब है. यह फिलीपिन सागर (Philippine sea) में बसा है. हालांकि, यह आइलैंड एक्टिव वोल्कैनो की वजह से भले ही खतरनाक हो, लेकिन अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य की वजह से यह लोगों का ध्यान भी खींचता है. यह आइलैंड 8.75 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है. आपको बता दें कि रात में यहां से आकाशगंगा (Milky Way) भी दिखाई देते हैं. यह दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है, जहां से आकाशगंगा का नजारा बिल्कुल स्पष्ट दिखाई देता है.
3.5 किलोमीटर ऊंची ज्वालामुखी
इस आइलैंड पर मौजूद सक्रिय ज्वालामुखी का आकार बेहद बड़ा है. इसकी ऊंचाई जहां 3.5 किलोमीटर है तो चौड़ाई 2.5 किलोमीटर के करीब है. आखिरी बार इस आइलैंड पर ज्वालामुखी विस्फोट सन् 1781 से 1785 के बीच हुआ था. उसके बाद से यह शांत है. हालांकि, जापान के जानकार इसे अभी भी क्लास-सी कैटेगरी का सक्रिय ज्वालामुखी मानते हैं. इस आइलैंड पर न सिर्फ 170 लोग रहते हैं, बल्कि यह पक्षी उद्यान के रूप में भी मशहूर है. यह जापानी वुडपीजन, इजू थ्रसेस सहित कई अन्य प्रकार की पक्षियों और जीवों के निवास के लिए भी जाना जाता है.कब से हैं इंसानों का बसेरा?
इस आइलैंड की जानकारी पहली बार 1652 में आई थी, जब यहां पर ज्वालामुखी फटे थे. लेकिन यह खतरनाक आइलैंड इंसानों का बसेरा कब बना, इसकी जानकारी कहीं भी नहीं है. बता दें कि 1780 में यहां पर लगातार भूकंप आए थे, जिसके बाद से ज्वालामुखी विस्फोट शुरू हुआ. उस दौरान जहां 63 परिवारों ने इस आइलैंड को छोड़ दिया, वहीं यहां रहने वाले 327 लोगों में से 140 लोगों की मौत इस विस्फोट में हो गई थी. हालांकि, इसके बावजूद भी यहां पर मौजूद लोगों ने आइलैंड को नहीं छोड़ा.
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