
पुणे का यरवडा सेंट्रल जेल
– फोटो : सोशल मीडिया
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महाराष्ट्र सरकार पर्यटन को लेकर एक अनोखी पहल करने जा रही है। इसके तहत अब राज्य के लोग जेल के पर्यटन का लुफ्त उठा सकेंगे। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को राज्य में जेल पर्यटन के शुरुआत की घोषणा की। पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल राज्य की पहली ऐसी जेल होगी, जहां टूरिस्ट पहुंचेंगे। ये वही जेल है जहां 26/11 के आतंकी अजमल आमिर कसाब को फांसी दी गई थी। इसके बाद नागपुर सेंट्रल जेल में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
देशमुख का कहना है कि इस पहल से छात्रों, शोधार्थियों और अन्य लोगों को जेल सिस्टम के बारे में जानने और समझने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि 500 एकड़ में फैली इस जेल के कुछ हिस्सों को आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार करेंगे।
नागपुर में गृह मंत्री ने कहा कि जेल पर्यटन की शुरुआत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार 26 जनवरी को पुणे की यरवडा जेल से करने जा रहे हैं। जेल परिसर के अंदर जाने के लिए विद्यालय के छात्रों से 5 रुपये, कॉलेज के छात्रों से 10 रुपये और सामान्य पर्यटकों से 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
गृह मंत्री ने बताया कि टूरिस्ट को जेल परिसर में घुमाने के लिए जेल प्रशासन एक गाइड की भी व्यवस्था करेगा। जेल पर्यटन के लिए एक बार में 50 लोगों को अनुमति दी जाएगी। इसके लिए सात दिन पहले ऑनलाइन या यरवडा जेल के काउंटर से टिकट बुक करवाना होगा। जेल भ्रमण के दौरान मोबाइल फोन, कैमरा आदि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, जेल की ओर से नियुक्त फोटोग्राफर से पर्यटक अपनी तस्वीरें खिंचवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
बता दें पुणे में स्थित यरवडा सेंट्रल जेल महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी जेल है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान, यहां महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था। मानहानि का मुकदमा हारने के बाद 1998 में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को भी यहीं कैद किया गया था। बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने भी यहां तीन साल तक सजा काटी है। इसके अलावा 26/11 के आतंकी अजमल आमिर कसाब को इसी जेल में फांसी दी गई थी।
महाराष्ट्र सरकार पर्यटन को लेकर एक अनोखी पहल करने जा रही है। इसके तहत अब राज्य के लोग जेल के पर्यटन का लुफ्त उठा सकेंगे। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को राज्य में जेल पर्यटन के शुरुआत की घोषणा की। पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल राज्य की पहली ऐसी जेल होगी, जहां टूरिस्ट पहुंचेंगे। ये वही जेल है जहां 26/11 के आतंकी अजमल आमिर कसाब को फांसी दी गई थी। इसके बाद नागपुर सेंट्रल जेल में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
जेल सिस्टम को समझने का मिलेगा मौका
देशमुख का कहना है कि इस पहल से छात्रों, शोधार्थियों और अन्य लोगों को जेल सिस्टम के बारे में जानने और समझने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि 500 एकड़ में फैली इस जेल के कुछ हिस्सों को आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार करेंगे।
सामान्य पर्यटकों से 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा
नागपुर में गृह मंत्री ने कहा कि जेल पर्यटन की शुरुआत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार 26 जनवरी को पुणे की यरवडा जेल से करने जा रहे हैं। जेल परिसर के अंदर जाने के लिए विद्यालय के छात्रों से 5 रुपये, कॉलेज के छात्रों से 10 रुपये और सामान्य पर्यटकों से 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
गाइड की भी होगी व्यवस्था
गृह मंत्री ने बताया कि टूरिस्ट को जेल परिसर में घुमाने के लिए जेल प्रशासन एक गाइड की भी व्यवस्था करेगा। जेल पर्यटन के लिए एक बार में 50 लोगों को अनुमति दी जाएगी। इसके लिए सात दिन पहले ऑनलाइन या यरवडा जेल के काउंटर से टिकट बुक करवाना होगा। जेल भ्रमण के दौरान मोबाइल फोन, कैमरा आदि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, जेल की ओर से नियुक्त फोटोग्राफर से पर्यटक अपनी तस्वीरें खिंचवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
यरवडा सेंट्रल जेल में कसाब को मिली थी फांसी
बता दें पुणे में स्थित यरवडा सेंट्रल जेल महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी जेल है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान, यहां महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था। मानहानि का मुकदमा हारने के बाद 1998 में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को भी यहीं कैद किया गया था। बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने भी यहां तीन साल तक सजा काटी है। इसके अलावा 26/11 के आतंकी अजमल आमिर कसाब को इसी जेल में फांसी दी गई थी।
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जेल सिस्टम को समझने का मिलेगा मौका
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